इसका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जा सकता है।
इस पौधे द्वारा प्रदान किए गए सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को कम करना।
तुलसी बालों और त्वचा से जुड़ी समस्याओं में राहत देती है। यह फफोले से छुटकारा पाने में मदद करता है।
तुलसी के एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण मधुमेह और हृदय की समस्याओं के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
तुलसी के पत्ते भी दांत दर्द से राहत दिलाने में कारगर होते हैं। तुलसी के पत्तों की एक गोली बनाकर दांत के नीचे रखने से दांत दर्द में आराम मिलता है।
तुलसी के बीज के चूर्ण या जड़ के चूर्ण में बराबर मात्रा में गुड़ मिलाकर 1-3 ग्राम गाय के दूध के साथ लगातार एक महीने या छह सप्ताह तक सेवन करने से नपुंसकता में लाभ होता है।
तुलसी के नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रामक रोगों से बचाव होता है।
तुलसी अपने हल्के और पाचक गुणों के कारण सांसों की दुर्गंध को दूर करने में सहायक है।
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