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ब्राउन शुगर VS व्हाइट शुगर, जानें कौन है ज्यादा बेहतर
मीठे की बात हो, तो सबसे पहले शुगर का ही नाम आता है। इसे देश के अलग-अलग हिस्सों में डिफरेंट-डिफरेंट नामों से जाना जाता है। कुछ लोग इसे शकर, कुछ शक्कर तो कुछ लोग इसे चीनी के नाम से जानते हैं।
चीनी का उपयोग भारतीय खानों में खूब किया जाता है। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि ज्यादा चीनी खाना सेहत के लिए सही नहीं होता। इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट भी हमेशा कम चीनी खाने की ही सलाह देते हैं।
दोस्तों चीनी सिर्फ हार्मफुल ही नहीं बल्कि, एक्टिविटी भी होती है इतनी की चीनी को कोकीन से 8 गुना ज्यादा एक्टिविटी माना जाता हैं। वही कोकीन जिसे ज्यादातर देशों में बेन किया जा चूका हैं।
ज्यादा चीनी खाने से डायबिटीज, स्ट्रेस, हार्ट प्रॉब्लम, वीक इम्युनिटी, और सबसे बड़ी प्रॉब्लम आप मोटापे का शिकार हो सकते हैं।
कुछ लोग शुगर इनटेक को कम करने के लिए चीनी को छोड़ने की वजाय शुगर के दुसरे ऑप्शन सर्च करने लगते हैं और उन्हें सबसे फस्ट ऑप्शन देखाई देता हैं ब्राउन शुगर।
शायद आप लोग नहीं जानते कि ब्राउन शुगर नार्मल शुगर यानि व्हाइट शुगर का ही एक रूप हैं। अधिकतर लोग इसमें कन्फ्यूज रहते हैं कि आखिर व्हाइट शुगर और ब्राउन शुगर दोनों में से कौन सी हेल्थी है।
क्या ब्राउन शुगर, व्हाइट शुगर से बेहतर है? – White Sugar vs Brown Sugar in Hindi
अगर आप भी इसी तरह कन्फ्यूज हैं कि कौन सी चीनी खाना सही हैं, तो आज हम जानेंगे कि ब्राउन शुगर क्या है, कैसे बनती है, इसमें कौन कौन से न्यूट्रिशन होते हैं, फायदे और नुकसान। साथ ही जानेंगे कि कौन सी शुगर हमारे लिए बेहतर है।
साथ ही जानेगे की इन दोनों चीनी के अलावा सबसे बेस्ट और नेचुरल शुगर कौन सी हैं। जिनका कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं हैं।
चीनी कैसे बनती है – Sugar Kaise Banta Hai in Hindi
ब्राउन शुगर और व्हाइट शुगर को बनाने की प्रोसेस में कुछ खास अंतर नहीं है। चीनी को बनाने के लिए सबसे पहले गन्ने से रस निकाला जाता है, जिसके बाद इस रस को साफ करके उसे उबालकर एक गाढ़ा घोल बना लिया जाता है।
अब इस गाढे घोल से ही चीनी बनाई जाती हैं। ब्राउन शुगर बनाने के दो तरीके हैं, एक रिफाइंड और एक अनरिफाइंड।
ब्राउन शुगर कैसे बनती है – Brown Sugar kaise banti hai in Hindi
अनरिफाइंड ब्राउन शुगर को बनाने के लिए किसी भी केमिकल प्रोसेस का यूज़ नहीं होता हैं। उसमे थोड़ी सी गुड की मात्रा बची होती हैं। जिस कारण इसके पोषक तत्व कुछ हद तक बचे रहते हैं।
लेकिन, रिफाइंड ब्राउन शुगर और सफेद चीनी में कुछ खास फर्क नहीं होता है। इस ब्राउन शुगर को रिफाइंड यानी साफ सफेद चीनी में गुड़ मिलाकर तैयार किया जाता हैं। इसे बनाने के लिए कई केमिकल प्रोसेस का इस्तेमाल भी किया जाता हैं।
सफ़ेद चीनी बनाने की लिए सबसे ज्यादा केमिकल प्रोसेस का इतेमाल किया जाता हैं। इसीलिए इसमें कैलोरी के अलावा कोई दूसरा पोषक तत्व बचता ही नहीं हैं।
ब्राउन शुगर और व्हाइट शुगर के पोषक तत्व – White sugar vs Brown sugar Nutrition
ब्राउन शुगर और व्हाइट शुगर की न्यूट्रिशनल वैल्यू अलग होती है। ब्राउन शुगर में व्हाइट शुगर के मुकाबले कम कैलोरी होती है और पोषक तत्व अधिक पाए जाते हैं। इसलिए लोग व्हाइट शुगर की बजाय ब्राउन शुगर को बहेतर समझते हैं, तो आइये देखते हैं दोनों की न्यूट्रिशनल वैल्यू।
व्हाइट शुगर के पोषक तत्व – White sugar Nutrition
अगर बात करे व्हाइट शुगर की तो 100 gm व्हाइट शुगर से आपको मिलते हैं।
- Energy – 387 kcal
- carbohydrate – 100 gm
इसमें सिर्फ 387 कैलोरी होती हैं इसके अलावा और कुछ नहीं।
ब्राउन शुगर के पोषक तत्व – Brown sugar Nutrition
अब बात करते हैं ब्राउन शुगर की, इसमें व्हाइट शुगर के मुकाबले कम कैलोरी होती हैं। इससे टोटल एनर्जी हमें मिलते हैं।
- Energy – 380 Kcal
- Protein – 0.12 gm
- Calcium – 83 mg
- Iron – 0.71 mg
- Potassium – 133 mg
- Phosphorus – 4 mg
- Copper – 0.047 mg
- Zinc – 0.03 mg
- Vitamin B6 – 0.041 mg
यह बात तो बिलकुल सही हैं कि व्हाइट शुगर के मुकाबले ब्राउन शुगर में अधिक न्यूट्रिशन होते हैं। लेकिन ये पोषक तत्व बहुत ही कम मात्रा में हैं मतलब ना के बराबर।
ब्राउन शुगर और व्हाइट शुगर में अंतर – Difference between white sugar and brown sugar in Hindi
इन दोनों चीनी में सिर्फ स्वाद और रंग का ही फर्क हैं अगर आप सोचते हैं कि ब्राउन शुगर के व्हाइट शुगर से ज्यादा फायदेमंद हैं। आप जितना चाहे खा सकते हैं, तो आप गलत हैं।
किसी भी तरह की चीनी का ज्यादा इस्तेमाल करना सेहत के लिए खतरनाक ही होता हैं। इसलिए, भले ही आप अपने खाने में ब्राउन शुगर शामिल कर रहे हों, लेकिन उसमें पौष्टिक तत्वों की मात्रा इतनी ज्यादा कम होती है कि उससे आपको कुछ खास बेनिफिट्स नहीं मिलते हैं।
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निष्कर्ष – The Conclusion
अब तो आपको अंदाजा हो गया होगा कि व्हाइट शुगर और ब्राउन शुगर में कुछ खास अंतर नहीं हैं। लगभग दोनों चीनी एक ही हैं। अगर आप खुद को हेल्दी रखने के लिए ब्राउन शुगर लेने की सोच रहे थे। तो आप ब्राउन शुगर की वजाय गुड का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर आप मिश्री, हनी, डेट शुगर, कोकोनट शुगर और स्टेविया यानि मीठी तुलसी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ये सभी शुगर साधारण चीनी का एक सबसे बेस्ट ऑप्शन हैं। ये सभी नेचुरल तो हैं ही साथ ही इनके बहुत सारे फायदे भी हैं। इनमे नार्मल चीनी के मुकाबले काफी जयादा पोषक तत्व होते हैं। जो आपकी सेहत के लिए सच में फायदेमंद हैं। आप सिर्फ 21 दिनों के लिए इनको अपनी डाइट में शामिल करके देखिये। आपको वाकई हैरान कर देने वाले रिजल्ट सामने आयेगे।